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नाक के विविध रोगों के लिए नीम प्राकृति का चमत्कार है ।

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नाक के विविध रोगों के लिए नीम प्राकृति का चमत्कार है ।


नाक के विविध रोगों के लिए निम् प्राकृति का चमत्कार है ।सच में नीम का पेड़ प्रकृति में एक चमत्कार है । हम चमत्कार को नमस्कार करते है । यदि ऐसा नही होता तो हम राम , कृष्ण , बुद्ध आदि की पूजा नही करते । नीम गुणों का पिटारा है । इसकी छाया , इसकी दातुन , इसकी पत्तिया , इसके फल फूल आदि सभी में रोगों को नाश करने की अपार शक्ति भरी है । प्रकृति ने वनस्पतियो में अपार शक्ति प्रदान की है पर निम् में जो शक्ति है वह किसी में नही है । नीम की पत्तिया को पानी में दाल कर औट ले और इस पानी से नहा ले ।आप देखेंगे की आपका महसूस करेंगे की आपका शरीर बहुत हल्का हो गया है ।आगर आपके त्वचा पर हल्ली फुलकी फुंसी हो तो खत्म हो जागेंगे ।स्त्रियां नीम के पानी से नित्य मुँह धोये निश्चित ही चेहरा गुलाब की तरह खिल जाएगा ।

नाक के विविध रोगों में नीम के प्रयोग की बिधि :- 


जुकाम में - जुकाम की बिमारी छोटे - बड़े किसी भी उम्र के व्यक्ति में आम है । इस रोग में 10 पत्ती नीम के , 5 काली मिर्च , 1 अदरख के गाँठ को पानी एक ग्लास पानी में औटें जब पानी आधी रह जाए तो इसे छान कर चाय की तरह पि ले ।3 से 4 खुराक में ही जुकाम ठीक हो जाएगा ।


नकसीर फूटना - गर्मी के दिनों में दिमाग में गर्मी का प्रभाव ज्यादा हो जाता है तो नाक से खून बहने लगता है ।जिसे हम नकसीर फूटना कहते है । जिसे वयक्ति घबड़ा जाता है ।इसके लिए निम्न प्रयोग करे ।


( 1 ) नीम के अंदर वाले छाल को पीस कर सर पर लेप करे खून आना बन्द हो जायेगा ।

( 2 ) नीम के कोपल को पीस कर कनपटी और माथे पर लेप करे नाक से खून आना बन्द हो जायेगा ।

(3 ) अक्सर गर्मी के दिनों में ही नाक से खून आता है इसलिए जी बच्चे को या व्यक्ति को नाक से खून आता है उन्हें नीम के पत्तियो का रस को चीनी के शर्बत के साथ पीना चाहिए जिसे दिमाग पर गर्मी का असर करेगा ही नही और नाक से खून आएगा ही नही ।

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