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माहवारी विकार , योनि के घाव एवं लड़कियो के त्वचा गोरी , कोमल और सुंदर बनाने में अशोक के छाल बहुत ही लाभकारी होता है ।


माहवारी विकार , योनि के घाव एवं लड़कियो के त्वचा गोरी , कोमल और सुंदर बनाने में अशोक के छाल बहुत ही लाभकारी होता है ।


 अशोक का पेड़ 15 से 20 फुट लम्बा जो सालो भर हरा भरा होता है ।यह पुरे भारत में पाया जाता है ।

             इसे अलग अलग भाषाओ में अलग अलग नामो से जानते है । इसे संस्कृत में - रक्तपल्लव , हेमपुष्प । हिन्दी में - अशोक ।बंगाली में - आसोपालव । मराठी में - अशोषक । लैटिन में - जोनोसिया अशोका के नाम से जानते है ।

           अशोक के वृक्ष बहुत ही लाभदायक होता है ।इसके पत्ते का उपयोग घर में पूजा , समारोह आदि में शुभ मानकर दरवाजे पर सजावट के रूप में किया जाता है । बहुत से लोग अपने घर के दरवाजे पर भी इसे सुंदरता के लिए लगाते है ।

      इसके प्रमुख लाभ - 

  ( 1 ) माहवारी विकार में -स्त्रियों को माहवारी सम्बन्धी किसी भी प्रकार के गड़बड़ी में अशोक के छाल दूध में उबालकर ठंडा होजाने के बाद सुबह कुछ दिनों तक नियमित पिने से माहवारी संबन्धी सारी विकार समाप्त हो जाता है साथ ही गर्भाशय की सूजन एवं दर्द भी मिट जाता है । 


 ( 2 ) सुंदरता बढ़ाने के लिए - 2 चम्मच अशोक के छाल के रस , 2 चम्मच सरसों के तेल , एवं 1 चम्मच गेहूं के आटां । इन सबको खूब बढ़िया से मिलाले फिर इसमें थोड़ी सी दूध दाल कर हाथ , मुँह पर उबटन की तरह लगाये ।लगाने के 15 से 20 मिनट के बाद पानी से धो ले ।इसके नियमित प्रयोग से कुछ ही दिनों में त्वचा गोरी , कोमल और सुंदर हो जायेगी ।


 ( 3 ) योनि के घाव - अशोक के पेड़ के छाल को पानी में उबाल कर उसे छान कर योनि के घाव को धोये कुछ ही दिनों में योनि की घाव ठीक हो जाएगें ।

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