ह्रदय रोगी के लिये अर्जुन का छाल बहुत ही लाभकारी होता है ।
ह्रदय रोगी के लिये अर्जुन का छाल बहुत ही लाभकारी होता है ।
अर्जुन का पेड़ लगभग 80 फुट तक लम्बा होता है ।इसका छाल सफेद होता है और अंदर से गुलाबी होता है ।इसके पत्ते लगभग 2 इंच चौड़े और 5 से 6 इंच लम्बे होते है । वैसे तो अर्जुन का पेड़ पुरे भारत में पाया जाता है ।पर बहुतायत मात्रा में अर्जुन के पेड़ हिमालय के तराई क्षेत्र , उत्तर प्रदेश , बिहार , मध्य प्रदेश , एवं मुम्बई में मिलता है ।
भारत के अलग अलग प्रदेशो में अलग - अलग नामो से जाना जाता है ।इसे संस्कृत में - ककुभ, अर्जुन , पार् हिंदी में- कोह , अर्जुन । मराठी में - अर्जुन सादड़ा ।तमिल में - मरुतै । तेलगु में - तेल्ल - मदिद ।लैटिन में - टर्मिनेलिया अर्जुना आदि नामो से जाना जाता है ।
वैसे तो इस पेड़ के छाल बहुत ही लाभकारी होता है । यह शक्तिदायक , पुष्टिदाता , प्रमेह और रक्तपितनाशक है ।यह नाड़ियों की क्षीणता , हड्डियों के चोट - टूट आदि में बेहद लाभदायक होता है । ह्रदय रोगी के लीये बहुत ही लाभदायक होता है ।
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